Jaa Farebi Jaa
Mukesh Mishra
नादान दिल था अंजान हम थे
जब तेरे संग थे दूर ये गम थे
मन्नतों के धागे बँधे थे हमने
तोड़ गये हो तुम वो कसम से
मोहोब्बत की तलब में
हम हाथ ना फ़ैलाएँगे
सौ दर्द दिए तूने
हम एक ना दे पाएँगे
जा फरेबी जा
तुझे मेरी दुआ लग जाए
जा फरेबी जा
तुझे मेरी दुआ लग जाए
मैं तन्हा तन्हा रोऊँ
मैं तन्हा तन्हा रोऊँ
मेरे यार तू मुस्काये
जा फरेबी जा
तुझे मेरी दुआ लग जाए
ना जाने कैसी तेरी दिल्लगी थी
मेरी वफ़ा में क्या कोई कमी थी
खाए हैं बेशुमार
धोखे हमने इश्क़ में
फिर भी क्यूँ करते गये
इंतेज़ार इश्क़ में
मोहब्बत की तलब में
हम हाथ ना फ़ैलाएँगे
सौ दर्द दिए तूने
हम एक ना दे पाएँगे
जा फरेबी जा
तुझे मेरी दुआ लग जाए
जा फरेबी जा
तुझे मेरी दुआ लग जाए
मैं तन्हा तन्हा रोऊँ
मैं तन्हा तन्हा रोऊँ
मेरे यार तू मुस्काये
जा फरेबी जा
तुझे मेरी दुआ लग जाए