Kuch Nahi [Reprised]
AMITABH BHATTACHARYA, KAUSER MUNIR, PRITAM CHAKRABORTY
ना नब्ज़ ना ही सांसें
कुछ नहीं कुछ नहीं
तेरे बिना है जीना
कुछ नहीं कुछ नहीं
ना अश्क ना ही आहें
कुछ नहीं कुछ नहीं
तेरे बिना है मरना
कुछ नहीं कुछ नहीं
तेरे बिना मैं क्यूँ
तेरे बिना मैं क्या
हर पहर दरबदर
कुछ नहीं कुछ नहीं
ना अक्स ना ही साया
कुछ नहीं कुछ नहीं
तेरे बिना है मेरा
कुछ नहीं कुछ नहीं
हो हो हो
आ आ आ आ
ग़मज़दा सी वादियाँ
है दे रही सलामियाँ
तुझे याद करके
तुझे याद करके
है जुबां पे आ रही
तेरी सभी कहानियाँ
तुझे याद करके
तुझे याद करके
तेरे बिना मैं क्यूँ
तेरे बिना मैं क्या
हर पहर दरबदर
कुछ नहीं कुछ नहीं
शामो सुबह ये सदियाँ
कुछ नहीं कुछ नहीं
तेरे बिना ये दुनिया
कुछ नहीं कुछ नहीं
काग़ा सब तंन ख़ाइयो
ओर चुन चुन ख़ाइयो माँस
दो नैना मत ख़ाइयो
इने पिया मिलन की आस