Phir Se Zara [Sha]
फिर से ज़रा तू रूठ जा
फिर से तुझे मनाऊं मैं हाय
फिर से ज़रा तू रूठ जा
फिर से तुझे मनाऊं मैं हाय
ए ज़िंदगी तू चुप है क्यूँ
मिलके कभी तू बोल ना
दिल की जो बातें हैं
होठों पे खोल ना
चुभती ख़ामोशी है
कुछ तो बोल ना
दिल की जो बातें हैं
होठों पे खोल ना
चुभती ख़ामोशी है
कुछ तो बोल ना
फिर से ज़रा तू रूठ जा
फिर से तुझे मनाऊं मैं
अंदर एक मेरे
है उड़ता घायल परिंदा कोई
मरके भी जैसे
एक मुझमे पागल है ज़िंदा कोई
अंदर एक मेरे
उड़ता घायल परिंदा कोई
मरके भी जैसे
है मुझमे पागल है ज़िंदा
तिनका हूँ मैं तूफ़ान में
तिनका हूँ मैं तूफ़ान में
क्यूँ ज़िंदगी तू बोल ना
दिल की जो बातें हैं
होठों पे खोल ना
चुभती ख़ामोशी है
कुछ तो बोल ना
दिल की जो बातें हैं
होठों पे खोल ना
चुभती ख़ामोशी है
कुछ तो बोल ना