Dheeme Dheeme
धीमे धीमे चले पुरवैया
बोले थाम तू मेरी बइयाँ
संग चल मेरे रोके क्यों जिया
हो धीमे धीमे चले पुरवैया
रुत ये अनोखी सी आई सजनिया
बादल की डोली में लो बैठी रे बूंदनयां
धरती से मिलने को निकले सावनिया
सागर में घुलने को चली देखो नदियाँ
धीमे धीमे चले पुरवैया ओ ओ
बोले थाम तू मेरी बइयाँ
संग चल मेरे रोके क्यों जिया
हो धीमे धीमे चले पुरवैया
नया सफर है एक नया हौसला
बांधा चिड़ियों ने नया घोसला
नई आशा का दीपक जला
चला सपनों का नया काफिला
कल को करके सलाम
आचल हवाओ का थाम
देखो उडी एक धानी चुनरिया हो
धीमे धीमे चले पुरवैया हो ओ
बोले थाम तू मेरी बइयाँ
संग चल मेरे रोके क्यों जिया
हो धीमे धीमे चले पुरवैया
आ आ आ आ (आ आ)
पुरवैया चले पुरवैया
आ आ आ आ (आ आ)