Shamma Jalti Rahi Nazam

DEEPAK PANDIT, MANOJ MUNTASHIR

बीत गए जोगवा, पिहरवा
बीत गए जोगवा, पिहरवा
तुमरे मिलन की आस लगाए
तुमरे मिलन की आस लगाए
बीत गए जोगवा, पिहरवा
शम्मा जलती रही रात ढलती रही
शम्मा जलती रही रात ढलती रही
हम निगाहों से मोती लुटाते रहे
कतरा-कतरा पिघलती रही चाँदनी
कतरा-कतरा पिघलती रही चाँदनी
रात-भर तुम हमें याद आते रहे
शम्मा जलती रही

कैसे इस बात का हमको आए यकीं?
आपके दिल में उसका निशां तक नही
कैसे इस बात का हमको आए यकीं?
आपके दिल में उसका निशां तक नही
ज़िन्दगी भर मोहब्बत के जो दास्तां
ज़िन्दगी भर मोहब्बत के जो दास्तां
आप सुनते रहे, हम सुनाते रहे
शम्मा जलती रही

ऐ मेरे, हमनशीं, ऐ मेरे, हमनवा
तेरे गम का असर दिल पे ऐसा हुआ
आ आ आ, ऐ मेरे, हमनशीं, ऐ मेरे, हमनवा
तेरे गम का असर दिल पे ऐसा हुआ
शम्मे आँखों की बुझ के धुआँ हो गई
शम्मे आँखों की बुझ के धुआँ हो गई
चंद आँसू मगर झिलमिलाते रहे
शम्मा जलती रही रात ढलती रही
शम्मा जलती रही

Trivia about the song Shamma Jalti Rahi Nazam by Shreya Ghoshal

Who composed the song “Shamma Jalti Rahi Nazam” by Shreya Ghoshal?
The song “Shamma Jalti Rahi Nazam” by Shreya Ghoshal was composed by DEEPAK PANDIT, MANOJ MUNTASHIR.

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