Baadal Se Dosti
Amitabh Bhattacharya
क्यों रहती हैं तू
धुप के मौसम को कोसती
बेहतर हैं करले जिंदगी
बादल से दोस्ती
जीना है तो
वजहा भी ढूंड ले
साहील ना सही
तिनका ही ढूंड ले
क्यों रहती हैं तू
धुप के मौसम को कोसती
बेहतर हैं करले जिंदगी
बादल से दोस्ती
सपनो के खिदमत में
कोशिश तो कर पहले
घागर भी छलकेगी
बुँदे तो भर पहले
अंधी बहरी सी गलियो में
तू क्यू गुमनाम हैं
इनके बाहर जो दुनिया हैं
तेरा आयाम हैं
जीना है तो
वजहा भी ढूंड ले
साहील ना सही
तिनका ही ढूंड ले
क्यों रहती हैं तू
धुप के मौसम को कोसती
बेहतर हैं करले जिंदगी
बादल से दोस्ती.