Aise Jaagi Re
ऐसे जागी रे, मैं रात ऐसे जागी रे
ऐसे जागी रे, मैं रात ऐसे जागी रे
कोई नींद को तरसे, नींद ना लेकिन
कोई तरस करे, ऐसे जागी रे
मैं रात ऐसे जागी रे
मैं कई राह बदल के चली
पर हर राह तूही मिला
घड़ी घड़ी तोहे बिन तिकेलि
मिट जा रे
मैं रात ऐसे जागी रे
ऐसे जागी रे, ऐसे जागी रे
ऐसे जागी रे
ऐसे जागी रे, ऐसे जागी रे
ऐसे जागी रे
कभी रोते हुए नैना रोके
कभी खुद देखा रोई रोई के
कभी कभी कसमे थी अपने
कभी नारे में रात
ऐसे जागी रे ऐसे जागी रे
ऐसे जागी रे ऐसे जागी रे
ऐसे जागी रे ऐसे जागी रे
ऐसे जागी रे ऐसे जागी रे
रात भर मैं ऐसे जली हाँ आ आ आ
रात भर मैं ऐसे जली
सुबह तक सूरत गयी बदली
रात ने मुझसे लिया कोई बदला रे
मैं रात ऐसे जागी रे हा ऐसे जागी रे
ऐसे जागी रे, ऐसे जागी रे
ऐसे जागी रे
कोई नींद को तरसे, नींद ना लेकिन
कोई तरस करे, ऐसे जागी रे
ऐसे जागी रे
ऐसे जागी रे
जले तो लगे सारे दीप दुखी रे
बोल ना मान सुखी थे हे