What Jhumka
Sumit Goswami
दर्द में भी ये लब मुस्कुरा जाते हैं
ओ ओ ओ
चन्द लम्हात के वास्ते ही सही
मुस्कुरा कर मिली थी मुझे ज़िन्दगी
तेरी आगोश में दिन थे मेरे कटे
तेरी बाहों में थी मेरी रातें कटीं
वो ओ ओ
आज भी जब वो पल मुझको याद आते हैं
बीते सारे गमों को भुला जाते हैं
दर्द में भी ये लब मुस्कुरा जाते हैं
बीते लम्हें हमें जब भी