Tum Hi Hamari Ho Manzil My Love

LALIT PANDIT, MAJROOH SULTANPURI, PANDIT JATIN

तुम ही हमारी हो मंज़िल माइ लव
तुम ही हमारी हो मंज़िल माइ लव
ये आवाज़ देता है दिल माइ लव
तुम ही हमारी हो मंज़िल माइ लव

ऐसा ना जानो हमको अचानक तुम पे ये प्यार आ गया हो
बीती रुतों तो का ये रंग है जो बनके बहार छा गया
हो तुमको देखा प्यार आ गया
तुम ही हमारी हो मंज़िल माइ लव
ये आवाज़ देता है दिल माइ लव
तुम ही हमारी हो मंज़िल माइ लव (आ आ)

चाहा तो चाहा हमको मेरी जां वारेंगे तुमपे जिया
हो आगे हमें क्या काहे को सोचें
कोई भी हो तुम पिया तुम संग जीना ओ साथिया
तुम ही हमारी हो मंज़िल माइ लव
ये आवाज़ देता है दिल माइ लव
तुम ही हमारी हो मंज़िल माइ लव

देखो हमारी राहों में जानम क्या क्या दिये जल गये
हो दिल से नज़र तक गम के अन्धेरे साये जो थे टल गये हो
रस्ते रंगों में ढल गये
तुम ही हमारी हो मंज़िल माइ लव
तुम ही हमारी हो मंज़िल माइ लव
ये आवाज़ देता है दिल माइ लव
तुम ही हमारी हो मंज़िल माइ लव

Trivia about the song Tum Hi Hamari Ho Manzil My Love by Udit Narayan

Who composed the song “Tum Hi Hamari Ho Manzil My Love” by Udit Narayan?
The song “Tum Hi Hamari Ho Manzil My Love” by Udit Narayan was composed by LALIT PANDIT, MAJROOH SULTANPURI, PANDIT JATIN.

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