Zara Dekh Mera Deewanapan

Sameer

दिल ना लगे ना लगे ना लगे हो
ज़रा देख मेरा दीवानापन
ओ ज़रा देख मेरा दीवानापन
के तेरे बिना कही दिल ना लगे
आ सुन तो सही दिल की धड़कन
आ सुन तो सही दिल की धड़कन
के तेरे बिना कही दिल ना लगे
ओ साथिया साथिया रे
साथिया रे साथिया

मेरी आँखो ने भी
देखा था वफ़ा का सपना
मैने सोचा था कोई
होगा मेरा भी अपना
जख्म मुझको जो लगा
है मैं दिखाऊँ कैसे
अपनी मजबूरी भला
तुझको बताऊँ कैसे
अपना अफ़साना सनम
तुझको सुनाऊँ कैसे
बढ़ती जाये मेरी उलझन
ओ बढ़ती जाये मेरी उलझन
के तेरे बिना कही दिल ना लगे

अपनी नज़रो को बहारो
का नज़ारा दूँगी
दिल की कश्ती को
मोहब्बत का किनारा दूँगी
मैने सोचा था के
पलकों में छुपाऊँगी तुझे
मैने सोचा था के
साँसों में बसाऊँगी तुझे
अपनी चाहत का मसीहा
मैं बनाऊँगी तुझे
ज़रा देख मेरा
यह पागलपन
ओ ज़रा देख मेरा यह पागलपन
के तेरे बिना कही दिल ना लगे

आ सुन तो सही दिल की धड़कन
आ सुन तो सही दिल की धड़कन
के तेरे बिना कही दिल ना लगे

दिल ना लगे ना लगे ना लगे हो

दिल ना लगे ना लगे ना लगे हो.

Trivia about the song Zara Dekh Mera Deewanapan by Udit Narayan

Who composed the song “Zara Dekh Mera Deewanapan” by Udit Narayan?
The song “Zara Dekh Mera Deewanapan” by Udit Narayan was composed by Sameer.

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