Baat Karni Mujhe Mushkil
ARJAN DASWANI, BAHADUR SHAH ZAFAR
बात करनी मुझे मुश्किल कभी ऐसी तो न थी
जैसी अब है तेरी महफ़िल कभी ऐसी तो न थी
पा ए-कूबाँ कोई ज़िंदाँ में नया है मजनू
पा ए-कूबाँ कोई ज़िंदाँ में नया है मजनू
आती आवाज़ से लासिर कभी ऐसी तो न थी
बात करनी मुझे मुश्किल कभी ऐसी तो न थी
ले गया लूट के कौन आज तेरा सब्र-ओ-क़रार
ले गया लूट के कौन आज तेरा सब्र-ओ-क़रार
बेक़रारी तुझे ऐ दिल कभी ऐसी तो न थी
बात करनी मुझे मुश्किल कभी ऐसी तो न थी