Duniya Kisie Ke Pyar Mein [1]

MEHDI HASSAN, QATEEL SHIFAI

दा रा रा आ आ आ

आ आ आ आ आ आ आ

बुलबुल ने गुल से गुल ने बहारों से कह दिया
आ आ आ आ आ
बुलबुल ने गुल से गुल ने बहारों से कह दिया
एक चौदवीं के चाँद ने तारों से कह दिया
दुनिया किसी के प्यार में जन्नत से कम नहीं
दुनिया किसी के प्यार में जन्नत से कम नहीं
एक दिलरुबा है दिल में जो हूरों से कम नहीं
दुनिया किसी के प्यार में जन्नत से कम नहीं
एक दिलरुबा है दिल में जो हूरों से कम नहीं
दुनिया किसी के प्यार में

भूले से मुस्कुराओ तो मोती बरस पड़ें
भूले से मुस्कुराओ तो मोती बरस पड़ें
पलकें उठाके देखो तो कलियाँ भी हंस पड़ें
पलकें उठाके देखो तो कलियाँ भी हंस पड़ें
खुशबू तुमारे ज़ुल्फ़ की फूलों से कम नहीं
दुनिया किसी के प्यार में जन्नत से कम नहीं
एक दिलरुबा है दिल में जो हूरों से कम नहीं
दुनिया किसी के प्यार में

तुम बादशाह-इ-हुस्न हो हुस्न-इ-जहां हो
तुम बादशाह-इ-हुस्न हो हुस्न-इ-जहां हो
जान-इ-वफ़ा हो और मोहब्बत की शान हो
जान-इ-वफ़ा हो और मोहब्बत की शान हो
जलवे तुम्हारे हुस्न के तारों से कम नहीं
दुनिया किसी के प्यार में जन्नत से कम नहीं
एक दिलरुबा है दिल में जो हूरों से कम नहीं
दुनिया किसी के प्यार ओ ओ

Trivia about the song Duniya Kisie Ke Pyar Mein [1] by मेहदी हस्सान

Who composed the song “Duniya Kisie Ke Pyar Mein [1]” by मेहदी हस्सान?
The song “Duniya Kisie Ke Pyar Mein [1]” by मेहदी हस्सान was composed by MEHDI HASSAN, QATEEL SHIFAI.

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