Kyun Sharabi Sharab Pita Hai

KEMAL AHMAD, TASLEEM FAZLI

क्यू शराबी शराब पीता है
क्यू शराबी शराब पीता है
और फिर बे हिसाब पीता है
जानता है के चीज़ है ये बुरी
फिर भी ख़ाना-ख़राब पीता है
क्यू शराबी शराब पीता है
और फिर बे हिसाब पीता है
जानता है के चीज़ है ये बुरी
फिर भी ख़ाना-ख़राब पीता है
क्यू शराबी शराब पीता है

इस कदर ग़म मिले हैं दुनिया में
हम न पीते तो मर गये होते
गर सहारा न जाम का होता
जाने कब के बिखर गये होते
जिसने आँसू पिये हैं छुप छुप के
आज वो बे हिजाब पीता है
क्यू शराबी शराब पीता है
और फिर बे हिसाब पीता है
जानता है के चीज़ है ये बुरी
फिर भी ख़ाना-ख़राब पीता है
क्यू शराबी शराब पीता है

आँख में ख़ुश्क हो गए आँसू
एक क़तरा लहू का दिल में नहीं
कौन सा जुर्म है जो मेरे लिए
इस कदर तंग हो गई है ज़मीं
कुछ तो दुख है जिसे छुपाने को
चीज़ इतनी ख़राब पीता है
क्यू शराबी शराब पीता है
और फिर बे हिसाब पीता है
जानता है के चीज़ है ये बुरी
फिर भी ख़ाना-ख़राब पीता है
क्यू शराबी शराब पीता है

Trivia about the song Kyun Sharabi Sharab Pita Hai by मेहदी हस्सान

Who composed the song “Kyun Sharabi Sharab Pita Hai” by मेहदी हस्सान?
The song “Kyun Sharabi Sharab Pita Hai” by मेहदी हस्सान was composed by KEMAL AHMAD, TASLEEM FAZLI.

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