Ye Dhuaan Kahan Se Uthta Hai

Mir Taqi Mir

देख तो दिल के जान से उठता है
यह धुआँ सा कहाँ से उठता है
देख तो दिल के जान से उठता है
यह धुआँ सा कहाँ से उठता है

नाला सरखे चिताह जब मेरा
नाला सरखे चिताह जब मेरा
शोर एक आसाम से उठता हे
यह धुआँ सा कहाँ से उठता है

बैठने कौन दे हैं फिर उसको
बैठने कौन दे हैं फिर उसको
जो तेरे आस्तान से उठता है
यह धुआँ सा कहाँ से उठता है

यूँ उठे आह उस गली से हम
यूँ उठे आह उस गली से हम
जैसे कोई जहाँ से उठता है
यह धुआँ सा कहाँ से उठता है
देख तो दिल के जान से उठता है
यह धुआँ सा कहाँ से उठता है

Trivia about the song Ye Dhuaan Kahan Se Uthta Hai by मेहदी हस्सान

Who composed the song “Ye Dhuaan Kahan Se Uthta Hai” by मेहदी हस्सान?
The song “Ye Dhuaan Kahan Se Uthta Hai” by मेहदी हस्सान was composed by Mir Taqi Mir.

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