Main Woh Hansee Hoon

J Nakshab, Khemchand Prakash

मैं वो हंसी हूँ
लब पे जो आने से रह गयी
मैं वो शमा हूँ
जो कभी रोशन नहीं हुयी
हूँ वो उमंग
निकली जो दिल से न एक बार
हूँ वो ख़ुशी
के ग़म ने जिसे
कर लिया शिकार

मैं वो दुल्हन हूँ
रास न आया जिसे सिंगार
मैं वो चमन हूँ
जिस में न आई कभी बहार
मैं वो चमन हूँ
जिस में न आई कभी बहार
मैं वो दुल्हन हूँ
रास न आया जिसे सिंगार
मैं वो चमन हूँ
जिस में न आई कभी बहार

घर जल गया तो
आग बुझाने से फायदा
घर जल गया तो
आग बुझाने से फायदा
उस बेवफा को
अब ये जताने से फायदा
जताने से फायदा
ऐ मेरे दिल के चैन
मेरा दिल है बेकरार
मैं वो चमन हूँ
जिस में न आए कभी बहार
मैं वो चमन हूँ
जिस में न आए कभी बहार

कश्ती भटक रही है
किनारा नहीं कोई
कश्ती भटक रही है
किनारा नहीं कोई
मजबूर ज़िन्दगी का
सहारा नहीं कोई
सहारा नहीं कोई
मरने का इंतज़ार है
मरने का इंतज़ार
मैं वो चमन हूँ
जिस में न आए कभी बहार
मैं वो चमन हूँ
जिस में न आए कभी बहार
मैं वो दुल्हन हूँ
रास न आया जिसे सिंगार
मैं वो चमन हूँ
जिस में न आए कभी बहार

Trivia about the song Main Woh Hansee Hoon by राजकुमारी

Who composed the song “Main Woh Hansee Hoon” by राजकुमारी?
The song “Main Woh Hansee Hoon” by राजकुमारी was composed by J Nakshab, Khemchand Prakash.

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