Laut Ke Na Aana

Akkhi

मुझे छ्चोड़ के यूँ तन्हा
तुझे जाना है तो जा
बस इतना वादा कर
कभी लौट के ना आना
कभी लौट के ना आना
मुझे छ्चोड़ के यूँ तन्हा
तुझे जाना है तो जा
बस इतना वादा कर
कभी लौट के ना आना
ये दुनिया बोहट बड़ी
इसस्दूनिया की राहों पे
कही मैं मिल जौन तो
अश्को को ना बहाना

जाना है तो जा मुझ छ्चोड़ के तन्हा
किया तेरे नाम मैने हर इक लम्हा
जो तेरी है खुशी वो रब्ब की दुआ
जो करना है कर सब तेरी है रज़ा
तूने कह तो दिया करियो ना याद
मेरी भी है तुझसे बस इतनी फरियाद
बस रहियो तू खुश हर पल हर दूं
जब याद मेरी आए आँखें करियो ना नम

दर्र है मुझे बस इस बात का
मेरे बिना भी क्या रह पाएगी
प्यार मिला था सॅचा तुझे
दुनिया को एक दिन तू बतलाएगी
यादों के रखे सरहाने तले
अपनी तो आशीए-तैसे काट जाएगी
बस तू मुझे इतना बात
मेरी जुदाई क्या से पाएगी
मेरी जुदाई क्या से पाएगी
तेरी आदत है मुझको कैसे भूलेगी
तुझे याद कर करके खुद को रूलौँगा
तेरी आदत है मुझको कैसे भूलेगी
तुझे याद कर करके खुद को रूलौँगा
खुद को रूलौँगा
मुझे छ्चोड़ के यूँ तन्हा
तुझे जाना है तो जेया
बस इतना वादा कर
कभी लौट के ना आना,
ये दुनिया भोथ बड़ी
इस दुनिया की राहों पे
कही मैं मिल जौन तो
अश्कों को ना बहाना

Trivia about the song Laut Ke Na Aana by रामजी गुलाटी

Who composed the song “Laut Ke Na Aana” by रामजी गुलाटी?
The song “Laut Ke Na Aana” by रामजी गुलाटी was composed by Akkhi.

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