Fursat [Reprise]

Arafat Mehmood, Mukesh Mishra

तन्हा गुज़रता दिल का सफर
मिलते नहीं जो तुम हमसे
इश्क़ ने मांगी पहली दुआ तो
मुझको मिले तुम रब के करम से
नज़रों को आये जबसे नज़र तुम
रहने लगे तुझमे गुम से
मुझे फुरसत ही नहीं तुमसे
मुझे फुरसत ही नहीं तुमसे
तुम्हे देखु बस जी भरके
मुझे फुरसत ही नहीं तुमसे

तुमसे मिलने से कुछ पहले
खुशबू तुम्हारी आती है

दिल में उतरके रूह से गुज़रे
धड़कन तक छू जाती है

प्यार मेरा पहचान ले पागल
दिल की मेरी धड़कन सुन के

मुझे फुरसत ही नहीं तुमसे
मुझे फुरसत ही नहीं तुमसे

मुझे रखलो छुपाकर के
मुझे फुरसत ही नहीं तुमसे

दुनिया रूठे लेकिन अपना
साथ कभी ना छूटेगा

ख्वाब तुम्हारे नींद हमारी
ये रिश्ता ना टूटेगा

मैं सो जाऊं फिर भी जागे
दिल तुम्हारे सपने बुन के

मुझे फुरसत ही नहीं तुमसे
मुझे फुरसत ही नहीं तुमसे

तुमको देखूं तो लगता हे
मुझपे तुम्हारा कुछ हक हे

लेकिन दिल के इस रिश्ते पर
थोड़ा यकीन तो राश्क हे

इश्क से पूछो लाया हे वो
खुनी हीरे चुन के

मुझे फुरसत ही नहीं तुमसे
मुझे फुरसत ही नहीं तुमसे

तुम्हे रखलूं मैं छुपा करके
तुम्हे रखलूं मैं छुपा करके
मुझे फुरसत ही नहीं तुमसे

Trivia about the song Fursat [Reprise] by पवनदीप राजन

Who composed the song “Fursat [Reprise]” by पवनदीप राजन?
The song “Fursat [Reprise]” by पवनदीप राजन was composed by Arafat Mehmood, Mukesh Mishra.

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