Chanda Saiyan Aao Re
Aziz Kashmiri
चंदा सैया आओ रे
चंदा सैया आओ रे
आओ खेत की चांदनी में
चंदा सैया आओ रे
आओ खेत की चांदनी में
हो देख रही हूँ बात
खोल के दो नैनो की खिड़की
दो नैनो की खिड़की
तुम ही कह दो
तुम ही कह दो
बालम कब तक
साहू सास की झिड़की
कुछ सास को समझाओ रे
ाओ जेठ की चांदनी में
चंदा सैया चंदा सैया
चंदा सैया चंदा सैया
ओ जेठ की चांदनी में
हो गोरी मेरे उससे क्यों घबराये
मोहे चैन न आये
क्यों नाजुक सी ए जान
दो दिन की मेहमान है सासु
दो दिन की मेहमान है सासु
न इसका जिया दुखा रे
चंदा सैया चंदा सैया
मनो गोरी मनो गोरी मनो गोरी
दो दिन की मेहमान जवानी
ओ मोरे रसिया
दो दिन की मेहमान जवानी
ओ मोरे रसिया युही बीत न जाये
युही बीत न जाये जवानी है
चंचल अशा मनन में मोरे
हुक उठाये