Rahguzar

Bhuvan Bam

भीड़ में है मन क्यूँ अकेला
घुल मिल गये हैं अंजान चेहरे
कौन है अब मेरा बसेरा
तू जो नही है अब साथ मेरे
गर आना है तो जल्दी चले आ
रूठा खड़ा हूँ दरवाज़े पे
गये क्यूँ मगर मेरे हमसफर
जहाँ का मुश्किल मिलना पता
मेरे दिल ज़रा उसी राहगुज़र
पे ले चल मुझे फिर इक दफा

ह्म ह्म ह्म ह्म

रात की जागी आँखों ने देखा सवेरा
बीते ना जाने ऐसे कितने महीने
चुभन, घुटन है मन के मेरे सगे यार
छोड़े ना छूटे ऐसे जिगरी कमीने
खुदा से मेरे है मेरी इल्तिजा
तुझसे मिला दे या खुद से
गये क्यूँ मगर मेरे हमसफर
जहाँ का मुश्किल मिलना पता
मेरे दिल ज़रा उसी राहगुज़र
पे ले चल मुझे फिर इक दफा आ आ

हो ओ ओ ओ ओ ओ

गर आना है तोह जल्दी चला आ
रूठा खड़ा हूँ दरवाज़े पे

Most popular songs of भुवन बाम

Other artists of Indian music