Duniya Mein Hoon

Akbar Allahabadi

दुनिया में हूँ, दुनिया का तलबगार नहीं हूँ
बाज़ार से गुज़रा हूँ, ख़रीदार नहीं हूँ
बाज़ार से गुज़रा हूँ, ख़रीदार नहीं हूँ
बाज़ार से गुज़रा हूँ, ख़रीदार
दुनिया में हूँ, दुनिया का तलबगार नहीं हूँ
बाज़ार से गुज़रा हूँ, ख़रीदार नहीं हूँ
बाज़ार से गुज़रा हूँ, ख़रीदार नहीं हूँ
ज़िंदा हूँ, मगर ज़ीस्त की लज़्ज़त नहीं बाक़ी
हर-चंद कि हूँ होश में, होशियार नहीं हूँ
हर-चंद कि हूँ होश में, होशियार नहीं हूँ
दुनिया में हूँ, दुनिया का तलबगार नहीं हूँ
इस ख़ाना-ए-हस्ती से गुज़र जाऊँगा बेलौस
ये इस ख़ाना-ए-हस्ती से गुज़र जाऊँगा बेलौस
साया हूँ, फ़क़त नक़्श-ब-दीवार नहीं हूँ
साया हूँ, फ़क़त नक़्श-ब-दीवार नहीं हूँ
दुनिया में हूँ, दुनिया का तलबगार नहीं हूँ
वो गुल हूँ ख़िज़ाँ ने जिसे बरबाद किया है
वो गुल हूँ ख़िज़ाँ ने जिसे बरबाद किया है
उलझूँ किसी, उलझूँ किसी दामन से मैं वो ख़ार नहीं हूँ
उलझूँ किसी दामन से मैं वो ख़ार नहीं हूँ
दुनिया में हूँ, दुनिया का तलबगार नहीं हूँ

Trivia about the song Duniya Mein Hoon by के एल सेगल

When was the song “Duniya Mein Hoon” released by के एल सेगल?
The song Duniya Mein Hoon was released in 1995, on the album “Ghazals Of K.l.saigal, Vol. 5”.
Who composed the song “Duniya Mein Hoon” by के एल सेगल?
The song “Duniya Mein Hoon” by के एल सेगल was composed by Akbar Allahabadi.

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