O Re Manwa
Kausar Munir
हो दुनिया सारी छोटी ज़रा पड़ गई
बढ़ते बढ़ते मैं हद से ज़रा बढ़ गई
ओ रे मनवा छोड़ ज़िद करना
ओ रे मनवा छोड़ ज़िद करना
अंदर से बंद कर ले तू सपनों को पिंजरे में
ओ रे मनवा छोड़ ज़िद करना
ओ रे मनवा छोड़ ज़िद करना
अंदर से बंद कर ले तू सपनों को पिंजरे में
तिनके तिनके को जोड़ के क्यूँ मैं पुलिया बनाने लगी
बूँद निचोड़ के क्यूँ नदिया बिछाने लगी
तारे तारे को तोड़ के क्यूँ मैं झूमर बनाने लगी
चाँद चुरा के क्यूँ घर में सजाने लगी
आफ़त कैसी ये देखो ज़रा कर गई
पंख लगा के मैं छज्जे पे क्यूँ चढ़ गई
ओ रे मनवा छोड़ ज़िद करना
ओ रे मनवा छोड़ ज़िद करना
अंदर से बंद कर ले तू सपनों को पिंजरे में
ओ रे मनवा छोड़ ज़िद करना
ओ रे मनवा छोड़ ज़िद करना
अंदर से बंद कर ले तू सपनों को पिंजरे में
सपनों को पिंजरे में सपनों को पिंजरे में