Buniyaad 2.0
Rajan Batra
कह दो की मेरी राहों में
हाथ मेरे को तुम थामे रहोगे
कह दो के जो चलूँ कहीं तो
मेरी परछाईयो में तुम शामिल रहोगे
और उड़ने लगूँ मैं यूँ कहीं
तो ज़मीन पे तुम ले आओगे
हाँ मस्ती में जो गिरने लगूँ तो
तो कांधे मेरे से तुम मुझे थामे रहोगे
केह दो के जो गलती करूँ तो
यूँ मुस्कुराके के तो मुझे पागल कहोगे
ओर खोने लगूँ सपनो में मैं
तो उस नींद से तुम जगाओगे
के फिर ऐसे कभी दफ़ा कोई
लाना यूँही
फिर नाम मेरा लेना यूँही
कह दो की हर वक़्त मेरे में
बुनियाद मेरी तुम यूँ बनके रहोगे
कह दो के मेरी राहों में
हाथ मेरे तो तुम थामे रहोगे
और उड़ने लगूँ मैं यूँ कहीं
तो ज़मीन पे तुम ले आओगे