Aawazein
Vandana Khandelwal, Jaydeep
कितना कराहा मैं, कितना सहा में
बदले में दिया क्या, तूने बता दे ये
बस ग़म भरी रातें, सुने हुए से दिन
और नम पड़ी आँखें, तेरे साथ तेरे बिन
तुझकों पता था ये हाँ, जख्मी सा घायल सा हाँ
कमज़ोर दिल था मेरा, फिर भी तोड़ा तूने क्यों हाँ
कितना मैं रोया भी था, औरों ने सब है सुना
आवाज़ें अब भी गूँजे, आवाज़ें अब भी गूँजे
आवाज़ें अब भी गूँजे
आवाज़ें अब भी गूँजे, आवाज़ें अब भी गूँजे
इस दर्द से मुझकों तूने मिलाया है
हर पल में १०० दफ़ा दिल को रुलाया है
अब ग़म भरी रातें कटती हैं तेरे बिन
क्यूँ दूर हो रहा है तू मुझसे हर दिन
तुझकों पता था ये हाँ, जख्मी सा घायल सा हाँ
कमज़ोर दिल था मेरा, फिर भी तोड़ा तूने क्यूँ हाँ
कितना मैं रोया भी था, औरों ने सब है सुना
आवाज़ें अब भी गूँजे, आवाज़ें अब भी गूँजे
आवाज़ें अब भी गूँजे
आवाज़ें अब भी गूँजे जे जे जे