Bheed Mein
SAMEER, NADEEM SHRAVAN, Nadeem-Shravan
कभी ख्वाब में सोचा न था
जीना पड़ेगा तुझे छोड़ के
ना न ना
कभी ख्वाब में सोचा न था
जीना पड़ेगा तुझे छोड़ के
सनम जो तेरा इशारा मिले
चला आऊं सारी कसम तोड़ के
भीड़ में तन्हाई में
प्यास की गहराई में
दर्द में रुस्वाई में
मुझे तुम याद आते हो
मुझे तुम याद आते हो
तेरी चाहतें मेरी जिंदगी
तेरे प्यार को मैं भुला ना सकूँ
तेरी चाहतें मेरी जिंदगी
तेरे प्यार को मैं भुला ना सकूँ
करू कोशिशें भले रात दिन
तेरे अक्स को मैं मिटा ना सकूँ
प्यास की गहराई में
भीड़ में तन्हाई में
दर्द में रुस्वाई में
मुझे तुम याद आते हो
मुझे तुम याद आते हो
भीड़ में तन्हाई में
दर्द में रुस्वाई में
प्यास की गहराई में
मुझे तुम याद आते हो
मुझे तुम याद आते हो