Rimjhim Gire Sawan

YOGESH, RAHUL DEV BURMAN

महफ़िल में कैसे कह दें किसी से,
दिल बंध रहा है किस अजनबी से
महफ़िल में कैसे कह दें किसी से,
दिल बंध रहा है किस अजनबी से
हाय करे अब क्या जतन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन ...

जब घुंघरुओं सी बजती हैं बूंदे,
अरमाँ हमारे पलके न मूंदे
जब घुंघरुओं सी बजती हैं बूंदे,
अरमाँ हमारे पलके न मूंदे
कैसे देखे सपने नयन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन

Trivia about the song Rimjhim Gire Sawan by राहुल जैन

Who composed the song “Rimjhim Gire Sawan” by राहुल जैन?
The song “Rimjhim Gire Sawan” by राहुल जैन was composed by YOGESH, RAHUL DEV BURMAN.

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