Zara Zara
Sameer, Desi Urban (Guru), J Jayaraj Harris
तडपायें मुझे तेरी सभी बातें
एक बार ऐ दिवाने झूठा ही सही, प्यार तो कर
मैं भूली नहीं हसीं मुलाकातें
बेचैन कर के मुझको, मुझसे यूँ ना फेर नजर
सर्दी की रातों में हम सोये रहें एक चादर में
हम दोनों तन्हाँ हो ना कोई भी रहे इस घर में
ज़रा ज़रा बहकता है, महकता है आज तो मेरा तनबदन
मैं प्यासी हूँ मुझे भर ले अपनी बाहों में
यूँ ही बरस बरस काली घटा बरसे
हम यार भीग जाएँ इस चाहत की बारिश में
मेरी खुली खुली लटों को सुलझाए
तू अपनी उँगलियों से मैं तो हूँ इसी ख्वाहिश में
रूठेगा ना मुझसे मेरे साथिया ये वादा कर
तेरे बिना मुश्किल है जीना मेरा मेरे दिलबर
ज़रा ज़रा बहकता है, महकता है आज तो मेरा तनबदन
मैं प्यासी हूँ मुझे भर ले अपनी बाहों में