Mohabbat Hai Tumse
ये खिड़की का पर्दा ज़रा सा हटा कर
ये खिड़की का पर्दा ज़रा सा हटा कर
तुम्हे देखती हूँ
मैं नज़रें चुरा कर
ये खिड़की का पर्दा ज़रा सा हटा कर
तुम्हे देखती हूँ
मैं नज़रें चुरा कर
ये सबको पता है मोहब्बत है तुमसे
मगर केहना पाऊँ ज़माने के डर से
ये सबको पता है मोहब्बत है तुमसे
मगर कह ना पाऊँ ज़माने के डर से
ये खिड़की का पर्दा ज़रा सा हटा कर
तुम्हे देखती हूँ
मैं नज़रें चुरा कर
मेरी धड़कनों में तुम ही बेस हो
तुम्हारे सिवा कुछ नहीं याद मुझको
मेरी धड़कनों में तुम ही बेस हो
तुम्हारे सिवा कुछ नहीं याद मुझको
मैं बेचैन हूँ दिल तुमसे लगा कर
तुम्हे देख लेती हूँ नज़रें चुरा कर
ये खिड़की का पर्दा ज़रा सा हटा कर
तुम्हे देखती हूँ
मैं नज़रें चुरा कर
ये लहराती जुल्फें
मचलती है ऐसे
क़यामत सी ढाती हो दिल पे जैसे
हो ये लहराती जुल्फें
मचलती है ऐसे
क़यामत सी ढाती हो दिल पे जैसे
निकलती हो जब तुम पलकें झुका कर
तुम्हे देख लेता हूँ नज़रें चुरा कर
ये सबको पता है मोहब्बत है तुमसे
मगर कह ना पाऊँ ज़माने के डर से
ये खिड़की का पर्दा ज़रा सा हटा कर
तुम्हे देखती हूँ
मैं नज़रें चुरा कर