Bahon Ke Darmiyan

JATIN LALIT, MAJROOH SULTANPURI

में अँन्नी मां पापा का वो नामुमकिन सपना
जो सच हुआ हे में उनके दिल की धड़कन हु
जिसे वो सुन नहीं सकते
में उनकी पहचान हु उनकी आवाज़ हु
हमारी छोटी सी दुनिया हे सिर्फ तीनो की
लेकिन में आसमान को छूना चाहती हु
गाना चाहती हु
आवाज़ और ख़ामोशी टकराते गए
फिर भी सपने ज़िंदा हे
हेना ये नामुमकिन सपना
लेकिन वो ज़िन्दगी ही क्या
जिसमे कोई नामुमकिन सपना न हो

बाहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे है
बाहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे है
जाने क्या बोले मन डोले सुनके बदन
धड़कन बनी ज़ुबां
बाहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे है
जाने क्या बोले मन डोले सुनके बदन
धड़कन बनी ज़ुबां बाहों के दरमियाँ

खुलते बंद होते लबों की ये अनकही
खुलते बंद होते लबों की ये अनकही
मुझसे कह रही हैं के बढ़ने दे बेखुदी
मिल यूँ के दौड़ जाएँ नस नस में बिजलियाँ
बाहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे है
जाने क्या बोले मन डोले सुनके बदन
धड़कन बनी ज़ुबां बाहों के दरमियाँ

आसमां को भी ये हसीं राज है पसंद
आसमां को भी ये हसीं राज है पसंद
उलझी उलझी साँसों की आवाज है पसंद
मोती लूटा रही है सावन की बदलियाँ
बाहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे है
बाहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे है
जाने क्या जाने क्या बोले मन बोले मन
डोले सुनके बदन
धड़कन बनी ज़ुबां बाहों के दरमियाँ

Trivia about the song Bahon Ke Darmiyan by Alka Yagnik

Who composed the song “Bahon Ke Darmiyan” by Alka Yagnik?
The song “Bahon Ke Darmiyan” by Alka Yagnik was composed by JATIN LALIT, MAJROOH SULTANPURI.

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