Barson Ke Baad

Sameer

बरसों के बाद आई मुझको याद एक बात
बरसों के बाद आई मुझको याद एक बात
तेरे बिन नहीं गुज़ारे दिन तेरे बिन नहीं गुज़रे रात

बरसों के बाद आई मुझको याद एक बात
बरसों के बाद आई मुझको याद एक बात
तेरे बिन नहीं गुज़ारे दिन तेरे बिन नहीं गुज़रे रात
तेरे बिन नहीं गुज़ारे दिन तेरे बिन नहीं गुज़रे रात

मेरे हुस्न को बेख़ुदी की हवा दी
जल रहा बदन आग तूने लगा दी
मेरे हुस्न को बेख़ुदी की हवा दी
जल रहा बदन आग तूने लगा दी
मेरा वादा है मैं दिलबर तुझे बेचैन कर दूंगी
बुझाऊँगी अगर सारी तुझे बाहों में भर लूंगी
बरसों के बाद आई मुझको याद एक बात
बरसों के बाद आई मुझको याद एक बात
तेरे बिन नहीं गुज़ारे दिन तेरे बिन नहीं गुज़ारे रात
तेरे बिन नहीं गुज़ारे दिन तेरे बिन नहीं गुज़ारे रात

आज तो सनम ऋत बड़ी है सुहानी
होश में अब कहाँ ये मेरी जवानी
आज तो सनम ऋत बड़ी है सुहानी
होश में कहाँ अब मेरी ये जवानी
घनी जुल्फों के साये में तुझे दिलबर बिठाउंगी
ज़रा रुक जा है जल्दी क्या मे तेरे पास आऊंगी
बरसों के बाद आई मुझको याद एक बात
बरसों के बाद आई मुझको याद एक बात
तेरे बिन नहीं गुज़ारे दिन तेरे बिन नहीं गुज़ारे रात
तेरे बिन नहीं गुज़ारे दिन तेरे बिन नहीं गुज़ारे रात
तेरे बिन नहीं गुज़ारे दिन तेरे बिन नहीं गुज़ारे रात
तेरे बिन नहीं गुज़ारे दिन तेरे बिन नहीं गुज़ारे रात

Trivia about the song Barson Ke Baad by Alka Yagnik

Who composed the song “Barson Ke Baad” by Alka Yagnik?
The song “Barson Ke Baad” by Alka Yagnik was composed by Sameer.

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