Main Sochta Hoon

Akhtar Javed, Anu Malik

ह्म एमेम एमेम एमेम, हे आ आ हा हा
ला ला ला ला ला ला ला, ला ला ला
मैं सोचता हूँ
तुम्हारी दुनिया से डोर मैने
जो कोई दुनिया बना ली होती
तो ज़िंदगी कितनी खाली होती
ह्म एमेम एमेम एमेम, हे आ आ हा हा

ला ला ला ला ला ला ला, ला ला ला
मैं सोचती हूँ
के मेरे सपनों में तुम ही तुम हो
यह बात मैने च्छूपा ली होती
तो ज़िंदगी कितनी खाली होती

मैं क्या बताऊं के तुम से मिलके
मैं किस तरह से बदल गयी हूँ
हो, मैं फूल बनके माहेक रही हूँ
मैं शम्मा बनके पिघल गयी हूँ
मैं सोचता हूँ
जो तुम ना लाती हसीन उजाले
तो रात होती जो काली होती
तो ज़िंदगी कितनी खाली होती
ह्म एमेम एमेम एमेम, हे आ आ हा हा
हो, ला ला ला ला ला ला ला, ला ला ला

जो तुम नहीं थी तो जैसे मेरी
हर एक खुशी में कोई कमी थी
मैं हास रहा था मगर इन आँखों
में फिर भी जैसे कोई नामी थी
मैं सोचती हूँ
जो आरज़ू है वो दिल में रहती
ना हुँने लब से निकाली होती
तो ज़िंदगी कितनी खाली होती

मैं सोचता हूँ
तुम्हारी दुनिया से डोर मैने
जो कोई दुनिया बना ली होती
तो ज़िंदगी कितनी खाली होती
ह्म एमेम एमेम एमेम, हे आ आ हा हा
ला ला ला ला ला ला ला, ला ला ला.

Trivia about the song Main Sochta Hoon by Alka Yagnik

Who composed the song “Main Sochta Hoon” by Alka Yagnik?
The song “Main Sochta Hoon” by Alka Yagnik was composed by Akhtar Javed, Anu Malik.

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