Sun Sun Re Saajan

Rani Malik

सुन सुन रे सजन कैसी लागी ये अगन
सुन सुन रे सजन कैसी लागी ये अगन
तरसे है दीवानमन

हम्म हम्म हम्म

सुन सुन रे सजन
कैसी लागी ये अगन तरसे है दीवानमन
बरसातो मे भीगी रातो मे ओ बरसातो मे भीगी रातो मे
प्यासे है क्यू दो बदन

सुन सुन रे सजन
कैसी लागी ये अगन तरसे है दीवानमन

बादल कैसे बरस रहे है हा बादल कैसे बरस रहे है
शोले जैसे भड़क रहे है
पास भी है और तड़प रहे है
धक धक दो दिल धड़क रहे है
धक धक दो दिल धड़क रहे है

बरसातो मे भीगी रातो मे प्यासे है क्यू दो बदन
सुन सुन रे सजन कैसी लागी ये अगन
तरसे है दीवानमन

कुछ तो बता ए दिलबर जानी ओ कुछ तो बता ए दिलबर जानी
आग लगाए क्यू ये पानी आई कैसी रात सुहानी
बेबस हो गयी आज जवानी बेबस हो गयी आज जवानी

बरसातो मे भीगी रातो मे प्यासे है क्यू दो बदन
सुन सुन रे सजन कैसी लागी ये अगन
तरसे है दीवानमन

हे बरसातो मे भीगी रातो मे
प्यासे है क्यू
दो बदन
दो बदन

Trivia about the song Sun Sun Re Saajan by Alka Yagnik

Who composed the song “Sun Sun Re Saajan” by Alka Yagnik?
The song “Sun Sun Re Saajan” by Alka Yagnik was composed by Rani Malik.

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