Tum Jo Mile [Tum Aaye]

JATIN PANDIT, JAVED AKHTAR, LALITRAJ PANDIT

तुम जो मिले हो तो ये लगा हैं मुझे
तुम जो मिले हो तो ये लगा हैं मुझे
ज़िंदगी मिल गयी हर खुशी मिल गयी

तुम जो मिले तो मेरे दिन रात को
तुम जो मिले तो मेरे दिन रात को
रोशनी मिल गयी चाँदनी मिल गयी

नीला आकाश हैं और
धरती के रंग हैं निखरे हुए

नीला आकाश हैं और
धरती के रंग हैं निखरे हुए

फूल ही फूल हैं अपनी राहों में
जैसे बिखरे हुए
तुम आगाय होतो इन फूल को भी
तुम आगाय होतो इन फूल को भी
ताज़गी मिल गयी दिल काशी मिल गयी

तुम जो मिले तो मेरे दिन रात को
तुम जो मिले तो मेरे दिन रात को
रोशनी मिल गयी चाँदनी मिल गयी

उड़ी उड़ी घटाए हैं मौसम भी हैं
जैसे पीगला हुआ

उड़ी उड़ी घटाए हैं मौसम भी हैं
जैसे पीगला हुआ

आज दिल के धड़कने का जैसे बदला हुआ

तुम भी मोहब्बत से जो देखा मुझे
तुम भी मोहब्बत से जो देखा मुझे
बेखुदी मिल गयी शायरी मिल गयी

तुम जो मिले तो मेरे दिन रात को
तुम जो मिले तो मेरे दिन रात को
रोशनी मिल गयी चाँदनी मिल गयी

Trivia about the song Tum Jo Mile [Tum Aaye] by Alka Yagnik

Who composed the song “Tum Jo Mile [Tum Aaye]” by Alka Yagnik?
The song “Tum Jo Mile [Tum Aaye]” by Alka Yagnik was composed by JATIN PANDIT, JAVED AKHTAR, LALITRAJ PANDIT.

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