Pehle to Kabhi Kabhi

ALTAF RAJA, BHAIRAV ARUN, VAISHNAV DEVA

प्यार मोहब्बत के किस्से
प्यार मोहब्बत के किस्से बेकार हुये
जब देखा तोह दिल के टुकड़े हज़ार हुये

हे हे हे हे हे

हम्म पेहले तोह कभी कभी ग़म था
अब तोह हर पल हि तेरी याद सताती है
अब तोह हर पल हि तेरी याद सताती है
पेहले तोह कभी कभी ग़म था

आ आ आ आ
अब तोह हर पल हि तेरी याद रुलाती है
आ आ आ आ
अब तोह हर पल हि तेरी याद रुलाती है
आ आ आ आ

पेहले तोह कभी कभी ग़म था
मगर येह दर्द्-ए-जुदायी है हर घड़ी अब
मगर येह दर्द्-ए-जुदायी है हर घड़ी अब
पेहले तोह कभी कभी ग़म था

आ आ आ आ
मगर येह दाग जुदायी है हर घड़ी अब
आ आ आ आ
मगर येह दाग जुदायी है हर घड़ी अब
आ आ आ आ

मैं तुझसे कैसे कहु ये बता
के तेरी याद के सहारे जि रहा हूँ
के तेरी याद के सहारे जि रहा हूँ
मैं तुझसे कैसे कहु येह बता

आ आ आ आ
के ग़म के आँसुओ को खुद हि पि रहा हूँ
आ आ आ आ
के ग़म के आँसुओ को खुद हि पि रहा हूँ
आ आ आ आ

मैं तुझसे कैसे कहु ये बता
ना मार डाले तेरी बेवफायी मुझको
ना मार डाले तेरी बेवफायी मुझको
ओ मैं तुझसे कैसे कहु येह बता

आ आ आ आ
ना मार डाले कहीं येह जुदायी मुझको
आ आ आ आ
ना मार डाले कहीं ये जुदायी मुझको
आ आ आ आ

हो बता दे मुझ्को बेवफा ये
मैं तेरी राह मे कब तक खड़ा रहूंगा
मैं तेरी राह मे कब तक खड़ा रहूंगा
बता दे मुझको बेवफा ये

आ आ आ आ
मैं तेरे दर पे यु कब तक पड़ा रहूंगा
आ आ आ आ
मैं तेरे दर पे यु कब तक पड़ा रहूंगा
आ आ आ आ

हम्म बता दे मुझको बेवफा ये
तू मुझको कब तलक ऐसे हि रुलायेग
तू मुझको कब तलक ऐसे हि रुलायेग
बता दे मुझको बेवफा ये

आ आ आ आ
तू मुझको कब तलक अपना न बनाएगा
आ आ आ आ
तू मुझको कब तलक अपना न बनाएगा
आ आ आ आ

हम्म ऐ पगली तु क्यों रो रही है
के गम तोह मुझको उठाना है जुदाई का
के गम तोह मुझको उठाना है जुदाई का
ऐ पगली तु क्यों रो रही है

आ आ आ आ

तेरे लिये तोह समा है येह शहनाई का
तेरे लिये तोह समा है येह शहनाई का
ऐ पगली तु क्यों रो रही है
के गाव छोड़ना है मेरे मुक्कदर मे
के गाव छोड़ना है मेरे मुक्कदर मे
हम्म ऐ पगली तु क्यों रो रही है

आ आ आ आ
के उम्र गुज़रेगी अब मेरी येह सफर मे
आ आ आ आ
के उम्र गुज़रेगी अब मेरी येह सफर मे
आ आ आ आ

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