Inaam
Rajan Batra
गेहरे अंधेरों के
रास्तो से है जाना
बिखरी आवाज़ों में
खुद से खुद को मिलाना
कोई राज़ यहाँ रहता ही ना
हर एक का कोई है दाम
तेरा जो दाम मेरा इनाम
मेरा इनाम, मेरा इनाम
हर दीवार है कहे
रास्ता तेरा कोई और कोई और
इन दीवारों में ही तो
बंध रास्तो की हो डोर कोई डोर
गेहरे दीवारों की
पर्दो में खो जाना
झुकते दरवाजे की
कैदो को भी है जाना
कोई राज़ यहाँ रहता ही ना
हर एक का कोई है दाम
तेरा जो दाम मेरा इनाम
मेरा इनाम, मेरा इनाम
तेरे सवालो से भरा
तेरे मेरे बहानो से बड़ा
तेरे सवालो से भरा
तेरे मेरे ख्यालो से बड़ा