Dhin Tara Bole Man Ka Ik Tara [Sad]
Hasan Kamal
धिन तारा धिन तारा
बोले मन का इक तारा
साथ कभी न छूटे अपना
साथ कभी न छूटे अपना
जीवन है बहती धरा
धिन तारा धिन तारा
बोले मन का इक तारा
इक दिन सच होगा
देखा हैं जो सपना
माँ के आँचल सा
घर होगा अपना
हम तुम जिस में रहेंगे ऐसे
राम लखन की जोड़ी जैसे
राम करे वह दिन न आये
राम करे वह दिन न आये
कम हो जिस दिन प्यार हमारा
धिन तारा धिन तारा
बोले मन का इक तारा
धिन तारा धिन तारा
बोले मन का इक तारा