Geet Banke Labon Pe [Jhankar Sad]
आ आ आ आ आ आ आ आ आ
उजड़ गया सपनों का मंदिर
तूफान उठा वो दिल के अंदर
बेहने लगा अश्कों का समंदर
मैने देखा कैसा ये मंज़र
मैने देखा कैसा ये मंज़र
दर्द बनके सिसक ने लगी रात दिन
आँसूओं की रवानी बनी
प्यास बनके लबों पे सजी
आज आँखों का पानी बनी
ना तो मैने लिखी
ना ये तूने लिखी
हाय कैसी कहानी बनी
हो ओ ओ हाय कैसी कहानी बनी
हाय कैसी कहानी बनी
हाय कैसी कहानी बनी