Jeevan Ek Sauda Hai

RAGHUNATH SETH, VINOD PANDE

चिंगारी वही फिर भड़की
दिल में वही तूफान उठे
दबाया था जिन ज़ख़्मो को
फिर चमके
सुलाया था जिन सपनो को
फिर जागे
मेरे दोस्त मेरे हुमदूम
कियासे संजौ तुझे
जीवन एक सौदा है
हम सब है सौदाई
चमका सूरज कभी
तो कभी बदली घिर आई
जीवन एक सौदा है

अच्छे बुरे है
जैसे भी अनुभव
लेने बड़के है
गोर अंधेरा हो या उजियारा
दोनो साथ में चलते है
सुख दुख का यह चक्कर
ऐसे ही चलता रहता है
जीवन एक सौदा है

तुम से मिल के जीवन में
ऐसी वीना पूजी थी
हर सांस और ख़यालो में
मेरे तुम थे तुम थे
तुम ही तुम थे
पर दुनिया की सचाई है ऐसी
मानना यही पड़ता है
जीवन एक सौदा है

निस्चल वहते ज़रने के
अमृत जैसे जाल हो तुम
कोमल किनके फुलो से
भावक तुम्हारे हे निर्मल
पर पारी भासा मेरे जीवन की
और हे और रहेगी वो
जीवन एक सौदा है

संबंध यह हम दोनो के
एक मीठा सपना थे
मान के गुलशन में
मेरे नयी बाहर का धोखा थे
हक़ीक़त के दायरे सकने है
उन में निभाना पायांगे
जीवन एक सौदा है
हम सब है सौदाई
चमका सूरज कभी
तो कभी बदली घिर आई
जीवन एक सौदा है

Trivia about the song Jeevan Ek Sauda Hai by Anuradha Paudwal

Who composed the song “Jeevan Ek Sauda Hai” by Anuradha Paudwal?
The song “Jeevan Ek Sauda Hai” by Anuradha Paudwal was composed by RAGHUNATH SETH, VINOD PANDE.

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