Sadiyon Ka Hai Silsila

Ravindra Rawal

सदियों का है सिलसिला
पहचान ये पुराणी हैं
सदियों का है सिलसिला
पहचान ये पुराणी हैं
दुनिया के गुलशन में
आये बहार बन के
मीत मेरे मन के
हो मीत मेरे मन में

सदियों का है सिलसिला
पहचान ये पुराणी हैं
सदियों का है सिलसिला
पहचान ये पुराणी हैं
दुनिया के गुलशन में
आये बहार बन के
मीत मेरे मन के
हो मीत मेरे मन में

तडपाया मिलने से पहले हमें
मिल के भी तरसया तुमने सनम

पाओं मैं ज़ंजीर थी शर्म की
चाहा मगर बढ़ सके न कदम

अब न रही वो दूरि ख़त्म हुयी मजबूरी
मिल ही गए आज हम हो

दुनिया के गुलशन में
आये बहार बनके
मीत मेरे मन के
हो मीत मेरे मन के

हो हो ओ ओ ओ
साये में जिस के मिले तुमसे हम
ऐसी ही बरसात की शाम थी

मोती की जो बून्द तन पे पड़ी
लायी ख़ुशी का वह पैग़ाम थी

मस्ताने मौसम की प्यार भरी वो चिट्ठी
दीवानो के नाम थी ओ

दुनिया के गुलशन में
आये बहार बनके
मीत मेरे मन के
हो मीत मेरे मन के

शाखो पे जैसे नए गुल खिले
हम भी नए रूप में यूँ मिले

खुशबू न बदली कभी प्यार की
बनते रहे प्यार के सिलसिले

उल्फत की राहों में मंज़िल की चाहो में
बढ़ते रहे काफिले हो

दुनिया के गुलशन में
आये बहार बनके
मीत मेरे मन के
हो मीत मेरे मन के

सदियों का है सिलसिला
पहचान ये पुराणी हैं

सदियों का है सिलसिला
पहचान ये पुराणी हैं

दुनिया के गुलशन में (दुनिया के गुलशन में)
आये बहार बनके (आये बहार बनके)
मीत मेरे मन के (मीत मेरे मन के)
हो मीत मेरे मन के (हो मीत मेरे मन के)

Trivia about the song Sadiyon Ka Hai Silsila by Anuradha Paudwal

Who composed the song “Sadiyon Ka Hai Silsila” by Anuradha Paudwal?
The song “Sadiyon Ka Hai Silsila” by Anuradha Paudwal was composed by Ravindra Rawal.

Most popular songs of Anuradha Paudwal

Other artists of Film score