Tum Pe Marte Hai

Vijay Vijawat

खामोश हम रह ना सके, बोले तो रोके शर्म
खामोश हम रह ना सके, बोले तो रोके शर्म
तुम पे मरते है, प्यार करते है
बस हम कह नही पाते
बस हम कह नही पाते

खुद को ही भूले है, बहके है इस कदर
दीवाने इस कल की, अब कहाँ है खबर
अब कहाँ है खबर
तुम नज़र में हो, तुम ही दिल में हो
बस हम कह नही पाते
बस हम कह नही पाते

हो हो हो हो हो हो हो
होंठो पे जब कल की, वो बातें आती है
धड़कन की रफ़्तारे, थम सी जाती है
थम सी जाती है
रोज मिलती है, नज़रे नज़रो से
बस हम कह नही पाते
बस हम कह नही पाते
ओ खामोश हम रह ना सके, बोले तो रोके शर्म
खामोश हम रह ना सके, बोले तो रोके शर्म
तुम पे मरते है, प्यार करते है
बस हम कह नही पाते
बस हम कह नही पाते

Trivia about the song Tum Pe Marte Hai by Anuradha Paudwal

Who composed the song “Tum Pe Marte Hai” by Anuradha Paudwal?
The song “Tum Pe Marte Hai” by Anuradha Paudwal was composed by Vijay Vijawat.

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