Buddhu Sa Mann [Yaari]
दबी दबी सी हंसी होंठों पे फँसी है
गुदगुदी कर रही हवा
ओ हल्ला मचा रही है पागल सी ख्वाहिशें
खुशियों की मिली है वजह
कुछ है जूनून सा
कुछ पागलपन है
सौ बातें करता ये बुद्धू सा मन है
कुछ है जूनून सा
कुछ पागलपन है
सौ बातें करता ये बुद्धू सा मन है
बुद्धू सा मन है
मौसम ने भी की है कुछ कोशिशें
होने लगी देखो ये बारिशें
सर पे चढ़ा है ये कैसा असर
दौड़े रफ़्तार में दिल की सब धडकनें
धुन कोई चल रही है कानो में धीमे से
रोशन है ज्यादा ये सुबह
हलचल जो हो रही है सीने में होने दे
खुशियों की मिली है वजह
कुछ है जूनून सा
कुछ पागलपन है
सौ बातें करता ये बुद्धू सा मन है
कुछ है जूनून सा
कुछ पागलपन है
सौ बातें करता ये बुद्धू सा मन है
ना ना ना ना ना ना
बुद्धू सा मन है
हो हो हो हो हो
बुद्धू सा मन है