Darkhaast-Aankhon Mein Teri

Abhijit Vaghani, Vishal Dadlani, Mithoon

आई ऐसी रात है जो - 0:45
बहुत खुशनसीब है
चाहे जिसे दूर से दुनिया वो मेरे क़रीब है
ज़िंदगी लाई हमें यहाँ
कोई इरादा तो रहा होगा भला
कि दरख़ास्त है ये
जो आई रात है ये
तू मेरी बाँहों में दुनिया भुला दे हो
जो अब लमहात हैं ये (जो अब लमहात हैं ये)
बड़े ही ख़ास हैं ये (बड़े ही ख़ास हैं ये)
तू मेरी बाँहों में दुनिया भुला दे

राहों में मेरे साथ चल तू
थामे मेरा हाथ चल तू
वक्त जितना भी हो हासिल
सारा मेरे नाम कर तू
वक्त जितना भी हो हासिल
सारा मेरे नाम कर तू
आँखों में तेरी
अजब सी अजब सी अदाएँ हैं
हो आँखों में तेरी
अजब सी अजब सी अदाएँ हैं
दिल को बना दे जो पतंग
साँसें ये तेरी वो हवाएँ हैं
दिल को बना दे जो पतंग
साँसें ये तेरी वो हवाएँ हैं
मेरी बाँहों में दुनिया भुला दे
हाँ तू मेरी बाँहों में दुनिया भुला दे
हाँ भुला दे

Trivia about the song Darkhaast-Aankhon Mein Teri by Armaan Malik

Who composed the song “Darkhaast-Aankhon Mein Teri” by Armaan Malik?
The song “Darkhaast-Aankhon Mein Teri” by Armaan Malik was composed by Abhijit Vaghani, Vishal Dadlani, Mithoon.

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