Maaya Gange

Arafat Mehmood

माया गंगे माया गंगे
दिल बदल ने लगा
आशिकी के रास्ते पे
जबसे चलने लगा
बेकरारी में
मिलके पहली बारी में
दिल खो चूका है तेरा होके
ख्वाब हमसफ़र
देखूं तेरे उम्र भर
आके भी अगर अब मुझे रोके
रब ने साथ तेरा मेरा आसमान पे लिखा
ओह हो ओह हो
इस लिए ज़मीन पे आके
मुझको ऐसे तू मिला
हो ओह ओह ओह
माया गंगे माया गंगे
दिल बदल ने लगा
आशिकी के रास्ते पे
जबसे चलने लगा

दिल तेरे लिए
सर को झुका के है खड़ा
है तेरे लफ़्ज़ों में है
कुछ तो शेहद जैसा भरा
तू ही रे उतरी ज़मीन पे
तू मेरे वास्ते
इस लिए दिल लेके आये
तेरे ही रास्ते
हो शुरू अगर कोई इश्क़ का सफर
तो मोहब्बतें मुस्कुराती है
दो परिंदे जो दिल से एक जैसे हो
मंज़िले उन्हें मिल ही जाती है
माया गंगे माया गंगे
दिल बदल ने लगा
आशिकी के रास्ते पे
जबसे चलने लगा

जो काबिल नहीं माफ़ी के दिल
तो दे साजा
या हम दम सब भूल कर
मुझको गले फिर से लगा
तू ही रे तू चाँद बन कर
फलक पे दिल के है
आशिकी होती मुकम्मल
तुझी से मिलके है
दिल के हर तरफ पे लिखा एहि सबक
की हमें करीब इश्क़ लाया है
जाने ये खुदा होंगे हम नहीं जुदा
उसने दिल से दिल को मिलाया है
अल्लाह मेरे कुछ दिनों से
दिल बदल ने लगा
आशिकी के रास्ते पे
जबसे चलने लगा.

Trivia about the song Maaya Gange by Armaan Malik

Who composed the song “Maaya Gange” by Armaan Malik?
The song “Maaya Gange” by Armaan Malik was composed by Arafat Mehmood.

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