Shukar Manavaan

Siddharth Garima

एक छत ती बद्री से मंज़िल बदली सी
रास्ता अनचाहा मनचाहा हो गया
माहि पाया पाया मन लाया लाया
मेरी जींद विच आया हूण हौंसला हो हो
रब राखा राखा मैं ते आखां आखां
हूण शूकर मनावां मैं ते लाख दा
माहि पाया पाया मन लाया लाया
मेरी जींद विच आया हूण हौंसला
रब राखा राखा मैं ते आखां आखां
हूण शूकर मनावां मैं ते लाख दा
मलंग मैं तुर जाना
ये दरिया तर जाना
मूड के ना आना खब्बे
उड़ के मैं जाना
सच्चे चाहतों की बरसातें हो
दुआओं के होवे छज्जे हाय
तरंग में रंग जाना
मैं मन दे संग जाना
शूकर मनावां मैं लाख दा
माहि पाया पाया मन लाया लाया
मेरी जींद विच आया हूण हौंसला
रब्ब राखा राखा मैं ते आखां आखां
हूण शूकर मनावां मैं ते लाख दा
एक छत ती बद्री से मंज़िल बदली सी
रास्ता अनचाहा मनचाहा हो गया
हो हो हो हो

Trivia about the song Shukar Manavaan by Armaan Malik

Who composed the song “Shukar Manavaan” by Armaan Malik?
The song “Shukar Manavaan” by Armaan Malik was composed by Siddharth Garima.

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