Tabaahi [Stripped Down]
थोड़ा-थोड़ा-सा मैं हूँ
थोड़ा-थोड़ा-सा तू भी है
क्यूँ ना हम दोनों मिलके पूरे-पूरे बनें?
तू है मैं हूँ जो यहाँ
फिर क्या ही बाकी है?
तू है तो सुकूँ यहाँ
तेरे बिन तबाही है
हूँ ज़मीं पे या आसमां
होश किसको है अब कहाँ?
तू है तो सुकूँ यहाँ
तेरे बिन तबाही है
चल ढूँढे घर कोई
दिन-दोपहर कोई कहीं
बस मैं हूँ और तुम हो
ऐसा शहर कोई
कहीं खोया-खोया-सा मैं हूँ
खोया-खोया-सा तू भी
क्यूँ ना हम दोनों यूँ ही खोए-खोए रहें?
तू है मैं हूँ जो यहाँ
फिर क्या ही बाकी है?
तू है तो सुकूँ यहाँ
तेरे बिन तबाही है
हूँ ज़मीं पे या आसमां
होश किसको है अब कहाँ?
तू है तो सुकूँ यहाँ
तेरे बिन तबाही है