Phoolon Tumhein Pata Hai

Bappi Lahiri, Yogesh

फूलो तुम्हे पता है
मन क्यों खिला खिला है
मेरा भेद यह
क़िस्सी से ना कहना
क़िस्सी से ना कहना
क़िस्सी से ना कहना
फूलो तुम्हे पता है
मन क्यों खिला खिला है
मेरा भेद ये
क़िस्सी से ना कहना
क़िस्सी से ना कहना
क़िस्सी से ना कहना
फूलो तुम्हे पता है

हर शाम है सिंदूरी
हर दिन लगे सुहाना
जब से दिल ने माना
उनको तो अपना
रंगो तुम्हे पता है
मन क्यों रंगा रंगा है
मेरा भेद यह
क़िस्सी से ना कहना
क़िस्सी से ना कहना
क़िस्सी से ना कहना
फूलो तुम्हे पता है

चाहे धुप हो घनी सी
चाहे घिरके मेघ छाई
हर पल मुझको अये उनका ही सपना
सपनो तुम्हे पता ह
मन क्यों सजा सजा है
मेरा भेद यह
क़िस्सी से ना कहना
क़िस्सी से ना कहना
क़िस्सी से ना कहना
फूलो तुम्हे पता है

कई बार यह हुवा है
जब सामने वो आए
कुछ भी कह ना
पाए झुक गये नैना
नैनो तुम्हे पता है
मन मित वो मेरा है
मेरा भेद यह
क़िस्सी से ना कहना
क़िस्सी से ना कहना
क़िस्सी से ना कहना

Trivia about the song Phoolon Tumhein Pata Hai by Bappi Lahiri

Who composed the song “Phoolon Tumhein Pata Hai” by Bappi Lahiri?
The song “Phoolon Tumhein Pata Hai” by Bappi Lahiri was composed by Bappi Lahiri, Yogesh.

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