Lai Hayat Aye Qazal - E - Chali Chal

Zauq

लाई हयात आये क़ज़ा ले चली चले
अपनी खुशी न आये न अपनी खुशी चले

बेहतर तो है यही की न दुनिया से दिल लगे
बेहतर तो है यही की न दुनिया से दिल लगे
पर क्या करे जो काम न बे-दिल्लगी चले

दुनिया ने किस का राह-ए-फ़नां में दिया है साथ
दुनिया ने किस का राह-ए-फ़नां में दिया है साथ
तुम भी चले चलो यूँही जब तक चली चले

जाते हवा-ए-शौख में हैं इस चमन से ज़ौक़
जाते हवा-ए-शौख में हैं इस चमन से ज़ौक़
अपनी बला से बाद-ए-सबा अब कभी चले
लाई हयात आये क़ज़ा ले चली चले
अपनी खुशी न आये न अपनी खुशी चले

Trivia about the song Lai Hayat Aye Qazal - E - Chali Chal by Bhupinder Singh

Who composed the song “Lai Hayat Aye Qazal - E - Chali Chal” by Bhupinder Singh?
The song “Lai Hayat Aye Qazal - E - Chali Chal” by Bhupinder Singh was composed by Zauq.

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