Zindagi Mein Jab Tumhare Gham Nahin The

Jaidev, Sudarshan Faakir

ज़िन्दगी में जब तुम्हारे ग़म नहीं थे
ज़िन्दगी में जब तुम्हारे ग़म नहीं थे
इतने तन्हा आ आ आ
इतने तन्हा थे के हम भी हम नहीं थे
ज़िन्दगी में

वक्त पर जो लोग काम आए हैं अक्सर
वक्त पर जो
वक्त पर जो लोग काम आए हैं अक्सर
अजनबी थे वो मेरे हमदम नहीं थे
अजनबी थे वो मेरे हमदम नहीं थे

ज़िन्दगी में जब तुम्हारे ग़म नहीं थे, ज़िन्दगी में

बेसबब था तेरा मिलना रहगुज़र में
बेसबब था तेरा मिलना रहगुज़र में, रहगुज़र में
हादसे हर मोड़ पर कुछ कम नहीं थे
हादसे हर मोड़ पर कुछ कम नहीं थे

ज़िन्दगी में जब तुम्हारे ग़म नहीं थे, ज़िन्दगी में

हमने ख़्वाबों में ख़ुदा बनकर भी देखा
हमने ख़्वाबों में ख़ुदा बनकर भी देखा
आप थे बाहों में दो आलम नहीं थे
आप थे बाहों में दो आलम नहीं थे

ज़िन्दगी में

सामने दीवार थी खुद्दारियों की
सामने दीवार थी खुद्दारियों की

वरना रास्तें प्यार के पुरख़म नहीं थे (वरना रास्तें प्यार के पुरख़म नहीं थे)
वरना रास्तें प्यार के पुरख़म नहीं थे (वरना रास्तें प्यार के पुरख़म नहीं थे)

ज़िन्दगी में जब तुम्हारे ग़म नहीं थे
इतने तन्हा आ आ आ

इतने तन्हा थे के हम भी हम नहीं थे (इतने तन्हा थे के हम भी हम नहीं थे)
ज़िन्दगी में (ज़िन्दगी में)

Trivia about the song Zindagi Mein Jab Tumhare Gham Nahin The by Bhupinder Singh

Who composed the song “Zindagi Mein Jab Tumhare Gham Nahin The” by Bhupinder Singh?
The song “Zindagi Mein Jab Tumhare Gham Nahin The” by Bhupinder Singh was composed by Jaidev, Sudarshan Faakir.

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