Rut Sajan Milan Ki Aai

Aziz Kashmiri

रुत सजन मिलान की
गालों पे लाली छाई है
रुत सजन मिलान की
रुत सजन मिलान की आई है
गालों पे लाली छाई है

गोरे गोरे मुखड़े पे
झूला एक चादर लए है
गोरे गोरे मुखड़े पे
झूला एक चादर लए है
सुनके नाम सज्जन का गौरी
नैना क्यों सरमाये है
सुनके नाम सज्जन का गौरी
नैना क्यों सरमाये है
रुत सजन मिलान की आई है
गालों पे लाली छाई है
रुत सजन मिलान की
रुत सजन मिलान की आई है
गालों पे लाली छाई है

देश पिया के जाओगे
देश पिया के जाओगे
और देखोगी संसार नया
और देखोगी संसार नया
नए सजन की नयी जवानी
उसपे होगा क्या नया
नए सजन की नयी जवानी
उसपे होगा क्या नया
रुत सजन मिलान की आई है
गालों पे लाली छाई है
रुत सजन मिलान की
रुत सजन मिलान की आई है
गालों पे लाली छाई है
माथे टिल टिल
चरनन की धुल रे
सखी चरनन की धुल रे

Trivia about the song Rut Sajan Milan Ki Aai by Chorus

Who composed the song “Rut Sajan Milan Ki Aai” by Chorus?
The song “Rut Sajan Milan Ki Aai” by Chorus was composed by Aziz Kashmiri.

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