Keede
यह कीड़े कुछ भी लिखवते है
कुछ भी बुलवाते है
अंदर कीड़े नही है ना भाई
तो मतलब नही है जीने का
कीड़े बहुत ज़रूरी है
कीड़े!
बाहर से काफ़ी मैं सीधा सा लड़का था
अंदर से तोड़ा सा सनकी
जब बाकी के बोल्लयऊूद गाने बजा रहे थे
मुझे तो रॅपर्स पसंद थे
डॅडी ने बोला तुम बिज़्नेस संभलो
पर मुझे पसंद नही थे धांडे
अंदर ही अंदर कुछ होने लगा
कुछ कीड़े करने लगे पंगे
कीड़ो ने रातो को जगाया
कीड़ो ने बॉडी भी बनाया
कीड़ो ने बोला की मामूली नही है तू
दीनो को दीनो से मिलाया
ढीले लोगो से तो मुझे है आलर्जी
ढीले से रॅपिंग है ढीले है मेलोडी
छ्चोड़ो यह पंगे और छोड़ो यह जेलासी
डिस ना करना यह लगे है पॅरोडी
कभी मैं पागल हू कभी मैं मेहनती
मुझे ना रोको मैं करूँगा तर्रकी
मेरी रोड खाली है ज़रा ना गार्दी
गाने बनता नही देता मैं थेरपी
गानो में सुस्ती नही
गानो में शीलजीत
सुनो तो एनर्जी एनर्जी एनर्जी
एनर्जी एनर्जी एनर्जी एनर्जी
देख हाथी फासेगा नही चूहेदनी में
रेती तो पानी मई घुलेगा नही बे
भले यह लोग तुझे एडा बुलाए
पर मरने ना पाए कीड़े सुलेमानी के
तेज़ मई भाग रहा जो भी मिले मुझे
कहते है बेटा जी धीरे
मैं फास्ट नही तू स्लो खुद को देख ले
मुझे क्या बोल रहा ढीले
मैं तो कहता हू तुम धरती पर हो
पर हम तो तारों में जी रे
ना जीने दे जीने दे जीने दे
जीने दे जीने दे जीने दे
कीड़े
आंटी ने बोला की बेटा लेज़ी है
पता नही क्या होगा करियर
और किसी भी चीज़ो में जोश नही है
पड़ा रहती है यह मरियल
फिर डॉक्टर के पास वो लेके गयी
और बोला सिर कुछ तो करिए
डॉक्टर ने बोला तुम दीनो को सुनलो
बॉडी में कीड़ो की कमी है
अरे ऐसे की तैसी रे देसी पिलाओ
दुनिया को खोदेंगे क्ब लाओ
किडो की सुनी मस्त बना पुलाव
वेल्ले हम बैठे हैं लदे चुनाव
बचे जो सिंगर थे गाने नही गाते
क्रिकेटर बच्चे अब टुटीओन को जाते
पूछो की क्या हुआ तो रोके बताते है
पपाजी चाइनीस है कीड़ो को खाते है
पपाजी ऐसा ना करो यार
बचे के कीड़ो को मरो नही
कुछ बड़ा करेगा तो फेमस हो जाओगे
फेमस हो जाएगी कॉलोनी
क्या करू अंदर की चूल का मैं
रूल और उसूल के स्कूल का मैं
यह बबूल की डाल है फूल कम है
सुन धूल से आया हू फुल दूं है
ऐसे लल से रापेरोन में हूल कम है
अब क्लूलेस होके बस तू झूलता रह
मुझे कीड़े बोले बस बेटा ढूढ़ता रह
सारे टूल है पास दीनो टूटता नही
पस्त भूल नही तभी राजा फूलता नही
मेरी भूल भूलिया मई घूम घूमता रह
तू जानता खूब है हू स थे नेक्स्ट
बस स्वॅग मई बेटे मुझे घूरता रह
कीड़े