Ek Waada Hai Kissi Ka

GHULAM ALI, SAGHAR SIDDIQUI

एक वाडा है किसी का जो वफ़ा होता नही
एक वाडा है किसी का जो वफ़ा होता नही
वरना इन तास्रो भारी रातो में क्या होता नही
एक वाडा है किसी का जो वफ़ा होता नही

जी में आता है उलट दे
उनके चेहरे से नक़ाब
जी में आता है उलट दे
उनके चेहरे से नक़ाब
हौसला करते है लेकिन हौसला होता नही
वरना इन टसरो भारी रातो में क्या होता नही
एक वाडा है किसी का जो वफ़ा होता नही

शम्मा जिसकी आबरू पर जान दे दे झूम कर
शम्मा जिसकी आबरू पर जान दे दे झूम कर
वो पतंगा जल तो जाता है फ़ना होता नही
वरना इन तरसो भारी रातो में क्या होता नही
एक वाडा है किसी का जो वफ़ा होता नही

एक मुद्दत से रह ओ रस्म ए नज़ारा बंद है
एक मुद्दत से रह ओ रस्म ए नज़ारा बंद है
अब तो उनका टूर पर भी सामना होता नही
वरना इन तास्रो भारी रातो में क्या होता नही
एक वाडा है किसी का जो वफ़ा होता नही.

Trivia about the song Ek Waada Hai Kissi Ka by Ghulam Ali

Who composed the song “Ek Waada Hai Kissi Ka” by Ghulam Ali?
The song “Ek Waada Hai Kissi Ka” by Ghulam Ali was composed by GHULAM ALI, SAGHAR SIDDIQUI.

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